Chaiti Chhath 2023 : छठ पूजा का प्रसाद मांग कर क्यों खाया जाता है, क्या है इसके पीछे मान्यता |

2023-03-24 8

कृति पूजन और लोक आस्था का महापर्व छठ पूरे देश में प्रसिद्ध है। मुख्य रूप से यह बिहार का पर्व मनाया जाता है। छठ का महापर्व साल में 2 बार मनाया जाता है। 1 कार्तिक मास में और दूसरा चैत्र मास में। चैत्र मास में करने वाले छठ व्रत को चैती छठ कहा जाता है। पंचांग के अनुसार, यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह चार दिनों का एक महान पर्व है जहां पहले दिन की शुरुआत नहाए खाए से होती है। लेकिन इस पर्व में प्रसाद मांग कर क्यों खाते हैं चलिए बताते हैं.

Chhath, the great festival of Kriti Pujan and folk faith, is famous all over the country. Mainly it is considered to be the festival of Bihar. The great festival of Chhath is celebrated twice a year. 1 in the month of Kartik and the other in the month of Chaitra. The Chhath fast observed in the month of Chaitra is called Chaiti Chhath. According to the Panchang, it is celebrated on the Shashti Tithi of Shuklapaksha of Chaitra month. It is a great festival of four days where the first day begins with a bath and a meal. But in this festival, why do we eat after asking for Prasad?

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